इस वैक्सीन से होगा सभी तरह के कैंसर का इलाज


कैंसर एक जानलेवा बीमारी है ये बात तो हम सभी लोग जानते हैं. हाल ही में वैक्सिल ने कैंसर के लिए एक नया ट्रीटमेंट या वैक्सीन डेवलप किया है जिसका नाम इम्यूसिन (ImMucin) है. ये एक ऐसी थेराप्यूटिक वैक्सीन है जो बॉडी के इम्यून सिस्टम को कैंसर सेल्स खत्म करने के लिए तैयार करती है.
इसकी सबसे अच्छी बात ये है कि ये वैक्सीन बॉडी के अच्छे और हेल्दी सेल्स को खराब नहीं करती है. इस ट्रीटमेंट की खासियत ये है कि ये बॉडी में काफी कम साइड इफेक्ट्स देता है. क्योंकि ये ट्रीटमेंट केवल कैंसर सेल्स को खत्म करने का वादा करता है इसलिए ये ट्रीटमेंट कारगर है.
थेराप्यूटिक वैक्सीन बीमार लोगों को दी जाती है जिससे वे बेहतर महसूस कर सकें. ये एक तरह का ड्रग है. कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो हमारी बॉडी खुद बनाती है. कैंसर के सेल्स काफी तेजी से बढ़ते हैं. इसमें हमारा इम्यून सिस्टम प्रतिक्रियाएं करनी बंद कर देता है और बीमारी से लड़ना इसके लिए काफी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में व्यक्ति के अंदर काफी कमजोरी आनी शुरू हो जाती है.
इस तरह होगा इलाज
थेराप्यूटिक वैक्सीन में ऐसा क्या है जो कैंसर जैसी बीमारी का इलाज कर सकता है? ये वैक्सीन बीमार व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को बेहतर करता है. इस वैक्सीन में मौजूद टी-सेल्स, कैंसर सेल्स को जड़ से खत्म करते हैं. इसके अलावा ये टी-सेल्स कैंसर सेल की वॉल पर मौजूद मार्कर को भी खत्म करता है. ये मार्कर सेल्स एक प्रोटीन रिलीज करते हैं जिसका नाम MUC1 है. ये प्रोटीन 90 प्रतिशत कैंसर सेल्स बनाते हैं. लंग, प्रोस्टेट, ब्रेस्ट, कोलन, रेक्टल, पेट, पैनक्रिएटिक, किडनी, ब्लैडर, ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, मायलोमा आदि कैंसर का ये प्रोटीन रिलीज करते हैं.
इम्यूसिन वैक्सीन व्यक्ति के लिए दो तरह से लाभकारी साबित हो सकती है. ये वैक्सीन हर उम्र के व्यक्ति के लिए लाभकारी है. हर व्यक्ति का इम्यून सिस्टम अलग तरह से काम करता है और ये वैक्सीन सभी के लिए बेस्ट है. इस ट्रीटमेंट को अपनाकर आप कैंसर को जड़ से खत्म कर सकते हैं. ये ट्रीटमेंट उन लोगों पर आजमाया गया है जिन्हें कई तरह का मायलोमा कैंसर (एक तरह का ब्लड कैंसर) था. इस वैक्सीन को बाकी के कैंसर पर भी ट्राई किया जाएगा जो MUC1 प्रोटीन रिलीज करते हैं.
आज से करीब छह से सात साल बाद इस ट्रीटमेंट के मार्केट में आने की चर्चा है. ये वैक्सहिट टेकनॉलजी से तैयार की गई वैक्सीन है. इसकी मदद से शोधकर्ता बाकी की बीमारियां जैसे एड्स, मलेरिया और ट्यूबरक्लॉसिस के लिए भी वैक्सीन तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं.
(साभार: न्यूज18 हिंदी)