सुब्रत रॉय के सहाराश्री बनने की कहानी: कभी टीम इंडिया के स्पॉन्सर थे, पूर्व PM वाजपेयी ने की थी तारीफ; 24 हजार करोड़ का फ्रॉड केस भी हुआ

मुंबई9 मिनट पहले
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कारोबारी सुब्रत रॉय नहीं रहे। 75 साल की उम्र में मंगलवार को मुंबई में उनका निधन हो गया। लेकिन उनकी जिंदगी के कई चैप्टर बेहद खास रहे हैं। सामान्य जिंदगी से बड़े कारोबारी बन जाने तक की। कभी सहाराश्री कहलाने वाले सुब्रत रॉय की जिंदगी की कहानी…
तारीख थी 6 मई 2013। देशभर से सैकड़ों बसों में सवार होकर लाखों लोग लखनऊ शहर के बाहरी इलाके में एक बड़े मैदान में इकट्ठा हो रहे थे। ये मैदान 30 फुटबॉल ग्राउंड से भी बड़ा था। ये सभी लोग एक मिशन पर थे। उनका नहीं बल्कि एक व्यक्ति का जो भारत का राष्ट्रगान गाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना चाहता था। उस समय तक ये रिकॉर्ड पाकिस्तान के नाम था।
सुबह करीब 10 बजे वहां लगे लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट होता है… ‘दुनिया के सबसे बड़े परिवार के अभिभावक माननीय सहाराश्री तशरीफ ला रहे हैं। जोरदार नारा लगाते हैं… सहाराश्री जिंदाबाद… सहाराश्री जिंदाबाद।’
उस दिन मैदान में मौजूद लाखों लोग एक जैसे कपड़ों में पूरी एनर्जी के साथ ये नारा लगा रहे थे। स्टेज से सहारा इंडिया परिवार के मुखिया सुब्रत रॉय अपने दोनों हाथ हिलाते हैं और जोर-जोर से भारत माता की जय कहते हैं। 1,21,653 लोग मिलकर राष्ट्रगान गाते हैं जो वर्ल्ड रिकॉर्ड बन जाता है।

1,21,653 लोगों ने एक साथ राष्ट्रगान गाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था।

वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए लखनऊ में सहारा ग्रुप के लाखों कर्मचारी इकट्ठा हुए थे।

सहारा ग्रुप लंबे समय तक टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा। तस्वीर में सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली दिख रहे हैं, जो सहारा का लोगो लगी टीम इंडिया की ड्रेस पहने हैं।
लेकिन, 28 फरवरी 2014 को सब कुछ बदल गया। 1978 में 2,000 रुपए से शुरुआत कर अरबों रुपए का साम्राज्य खड़ा करने वाले सुब्रत रॉय सहारा सलाखों के पीछे पहुंच गए। उन पर अपनी दो कंपनियों में नियमों के खिलाफ लोगों से पैसे निवेश करवाने का आरोप लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को 24,400 करोड़ रुपए निवेशकों को लौटाने को कहा। तब से लेकर आज तक ये केस चल रहा है।











