कोलकाता
पश्चिम बंगाल में तीसरी बार गुरुवार को 24 घंटों के भीतर कोरोना मरीजों की संख्या 300 का आंकड़ा पार कर गई। यहां कोरोना के 368 मरीज गुरुवार को सामने आए। इससे पहले के दो दिनों में 24 घंटों के भीतर 340 और 397 मामले सामने आए थे। नए मामलों के सामने आने के बाद प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या 7 हजार पार हो गई है।
बीते पांच दिनों में प्रदेश में कोरोना के मामले बेतहाशा बढ़े हैं। तीन दिन लगातार 24 घंटे में कोरोना मरीजों की संख्या 300 पार होने के बाद 4 दिन के अंदर प्रदेश में हजार कोरोना मरीजों की बढ़ोतरी हुई है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में आए अम्फान तूफान के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग में दी गई छूट और प्रदेश में प्रवासी मजदूरों की वापसी की वजह से मामले तेजी से बढ़े हैं। इसके अलावा लॉकडाउन में धीरे-धीरे दी जाने वाली छूट भी इसके लिए जिम्मेदार है।
महामारी का सबसे बुरा दौर
प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग की संख्या भी धीरे-धीरे बढ़ाई जा रही है। विशेषज्ञों ने कहा कि प्रवासी मजदूरों और लॉकडाउन में मिलने वाली छूट से प्रदेश में अभी कोरोना और बढ़ेंगे। उन्होंने बताया कि बाहर से आए ऐसे बहुत से लोग हैं, जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे थे। ये लोग जब स्वस्थ्य लोगों से मिलेंगे और उनके बीच रहेंगे तो संक्रमण का तेजी से प्रसार बढ़ेगा। विशेषज्ञों ने कहा कि यह महामारी का सबसे बुरा दौर है।
पॉजिटिविटी रेट में बढ़ोतरी
प्रदेश में फिलहाल, 9 हजार कोरोना टेस्ट हर दिन किए जा रहे हैं। इसमें पॉजिटिविटी रेट 2.5 प्रतिशत से 2.6 प्रतिशत तक था। अम्फान तूफान आने के बाद राज्य में सोशल डिस्टेंसिंग में थोड़ी राहत दे दी गई। जिसके बाद से कोरोना पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 2.8 फीसदी तक जा पहुंचा। ऐसे में प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ने की दर थोड़ा डराने वाली है। बताया गया कि पश्चिम बंगाल में कोरोना के पहले 1000 मामले एक महीने 10 दिन में सामने आए थे।
यह आंकड़ा 1000 से 2000 होने में 11 दिन लगा था लेकिन आखिरी 1000 केसेज सिर्फ चार दिनों में बढ़े हैं। इसके साथ ही शुक्रवार तक प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 7 हजार के पार पहुंच गई है।
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